Due to Corona, 60 million people worldwide will be poor, they will also lose their last three years profit.

वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि कोरोना की वजह से दुनिया भर में गरीबी आएगी। बैंक के प्रेसिडेंट डेविड मालपॉस ने मंगलवार को एक कॉन्फ्रेंस में कहा कि इससे पूरी दुनिया में छह करोड़ लोग बेहद गरीब हो जाएंगे। वे पिछले तीन साल में किए गए अपने सभी प्रॉफिट भी गंवा देंगे। वर्ल्ड बैंक पूरी दुनिया में आए इस संकट से उबरने के लिए अभियान चला रहा है। इसके तहत 15 महीने में 100 विकासशील देशों को 160 बिलियन डॉलर (करीब 11 लाख 8000 करोड़ रु.) की सहायता दी जाएगी। इन देशों में दुनिया की करीब 70% आबादी रहती है।  उन्होंने कहा कि बैंक का अनुमान है कि इस साल दुनिया की अर्थव्यवस्था में 5% की गिरावट आएगी। इससे दुनिया के सबसे गरीब देशों पर गंभीर असर पड़ेगा। गरीबी हटाने के लिए हमने जो भी काम किया है वह खत्म हो जाएगा।
वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि कोरोना की वजह से दुनिया भर में गरीबी आएगी। बैंक के प्रेसिडेंट डेविड मालपॉस ने मंगलवार को एक कॉन्फ्रेंस में कहा कि इससे पूरी दुनिया में छह करोड़ लोग बेहद गरीब हो जाएंगे। वे पिछले तीन साल में किए गए अपने सभी प्रॉफिट भी गंवा देंगे। वर्ल्ड बैंक पूरी दुनिया में आए इस संकट से उबरने के लिए अभियान चला रहा है। इसके तहत 15 महीने में 100 विकासशील देशों को 160 बिलियन डॉलर (करीब 11 लाख 8000 करोड़ रु.) की सहायता दी जाएगी। इन देशों में दुनिया की करीब 70% आबादी रहती है।
उन्होंने कहा कि बैंक का अनुमान है कि इस साल दुनिया की अर्थव्यवस्था में 5% की गिरावट आएगी। इससे दुनिया के सबसे गरीब देशों पर गंभीर असर पड़ेगा। गरीबी हटाने के लिए हमने जो भी काम किया है वह खत्म हो जाएगा।


विकसित राष्ट्र मदद के लिए आगे आएं: वर्ल्ड बैंक
मालपॉस ने कहा कि पूरी दुनिया में करीब 50 लाख लोग वायरस से संक्रमित हुए हैं और 3 लाख से ज्यादा मौतें हुई हैं। वर्ल्ड बैंक ने गरीब देशों की स्वास्थ्य प्रणाली, अर्थव्यवस्था और उनकी सामाजिक सेवाओं में मदद के लिए 5.5 बिलियन डॉलर(करीब 38 हजार करोड़ रु.) खर्च किए हैं। हालांकि इसमें सिर्फ वर्ल्ड बैंक की कोशिशें नाकाफी हैं। विकसित राष्ट्रों को विकासशील देशों की मदद के लिए आगे आना चाहिए, जिससे वे फिर से पुरानी स्थिति में लौट सकें।


कर्ज चुकाने की अवधि एक साल बढ़ाने पर सहमति बनी
वर्ल्ड बैंक प्रमुख ने कहा कि टैक्स से मिलने वाली रकम और पर्यटन विकाशसील देशों की कमाई का अहम जरिया है। मौजूदा स्थिति में उनके लिए पर्यटन को खोलना कठिन है। अप्रैल के बीच में हुई जी-20 देशों की बैठक में विकासशील देशों के कर्ज भुगतान में एक साल की छूट का प्रस्ताव रखा गया था। इसके लेकर सहमति बढ़ रही है। मालपॉस के मुताबिक 14 देशों ने कर्ज को दोबारा चुकाने का समय एक साल बढ़ाने पर सहमति दी है। 23 देशों से इसके लिए अनुरोध किए जाने की उम्मीद है। वहीं 17 देश इस पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं।

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