अमेरिकी विशेषज्ञ मास्क की जगह फेस शील्ड काे तरजीह दे रहे, इसे पहनना और दोबारा उपयोग करना आसान, यह संक्रमण से भी बचाती है
काेराेनावायरस के ड्राॅपलेट हवा में तैरते रहते हैं- डॉ. शेरी |
यह महज विचार नहीं है। सिंगापुर में प्रीस्कूल छात्राें और शिक्षकाें काे अगले महीने स्कूल खुलने पर फेस शील्ड दिए जाएंगे। फिलाडेल्फिया में स्वास्थ्य विशेषज्ञाें ने अनुशंसा की किस्कूल खुलें ताे शिक्षक फेस शील्ड पहनें।
काेराेनावायरस के ड्राॅपलेट हवा में तैरते रहते हैं- डॉ. शेरी
बाेस्टन के वुमंस हाॅस्पिटल में डर्मेटाेलाॅजिस्ट डाॅ. शेरी यू कहते हैं, ‘काेराेनावायरस के ड्राॅपलेट हवा में तैरते रहते हैं, इसलिए आंखों और पूरे चेहरे काे सुरक्षित करना बहुत जरूरी है। शील्ड काे स्टरलाइज और साफ किया जा सकता है। ये टूटने या दरार पड़ने तक इस्तेमाल की जा सकती हैं। एल्काेहाॅल वाले तरल से साफ करने या साबुन या गर्म पानी से धाेकर भी इन्हें संक्रमण मुक्त किया जा सकता है।’
फेस शील्ड आंखाें समेेत पूरे चेहरे की सुरक्षा करती है-डाॅ. पेरेंसेविच
डाॅ. पेरेंसेविच मानते हैं कि फेस शील्ड आंखाें समेेत पूरे चेहरे की सुरक्षा करती है। चेहरे काे बार-बार छूने से बचाती है। चश्मे या टाेपी के साथ भी इसे पहनना आसान है। ये सिर पर कुछ हिस्से काे ही घेरती हैं, जबकि मास्क से आधे से अधिक चेहरा ढंक जाता है। मास्क के कपड़े या मटेरियल से बार-बार खुजली हाेती है। कई लाेग मास्क गलत तरीके से पहनते हैं। यह नाक से लटका रहता है या सिर्फ मुंह ही ढंकता है।
लाेग बार-बार मास्क ठीक करते रहते हैं। बात करते वक्त वे मास्क उतार लेते हैं, जिससे जाेखिम बढ़ जाता है। दूसरी तरफ कपड़े का मास्क जहां संक्रमण फैलाने से राेकता है, वहीं यह पहनने वाले काे संक्रमण से नहीं बचाता है। डाॅ. पेरेंसेविच कहते हैं, लिप-रीडिंग पर निर्भर रहने वाले लाेगाें के लिए फेस शील्ड बेहतर है। फेस शील्ड से लिप मूवमेंट आसानी से दिख जाते हैं।
एक कफ सिम्यूलेशन शाेध के मुताबिक, यदि आपने फेस शील्ड पहनी है और काेई व्यक्ति 18 इंच की दूरी पर भी खांसता है ताे वायरस से प्रभावित हाेने का खतरा 96% तक कम हाेता है।
अधिक रिसर्च से पता चलेगा कि फेस शील्ड बेहतर होती हैं
कुछ स्थितियाें में फेस शील्ड एन95 मास्क की तरह प्रभावी नहीं है। डाॅ. विलियम लिंडस्ले कहते हैं, ‘यदि आप किसीकुर्सी पर बैठे हैं और सामने वाला व्यक्ति खड़ा है या आप खड़े हैं और दूसरा व्यक्ति आपके पीछे खड़ा है, ताे ड्राॅपलेट फेस शील्ड के इर्दगिर्द से घुस सकते हैं।’ डाॅ.पेरेंसेविच कहते हैं कि अधिक रिसर्च से यह मालूम पड़ सकेगा कि फेस शील्ड मास्क से बेहतर हाेती हैं, ये पूरे चेहरे काे ही सुरक्षित नहीं करतीं, बल्कि इन्हें गलत तरीके से पहनना बिल्कुल असंभव है।
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