पायलट ने तीन बार चेतावनी को नजरअंदाज किया था, जांच टीम पर भी सवाल उठे

पाकिस्तान के कराची में हुए प्लेन क्रैश के बाद पायलट की कई गलतियां सामने आ रही हैं। अब सामने आया है कि पायलट ने एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोलर) की तीन चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया था। कंट्रोलर ने विमान की गति और ऊंचाई को लेकर पायलट को चेताया था, लेकिन पायलट को लगता था कि वह संतुष्ट है और स्थिति को संभाल लेगा। इसके साथ ही जांच टीम में एक भी कमर्शियल पायलट न शामिल करने भी सवाल उठने लगे हैं।
पाकिस्तान के कराची में हुए प्लेन क्रैश के बाद पायलट की कई गलतियां सामने आ रही हैं। अब सामने आया है कि पायलट ने एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोलर) की तीन चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया था। कंट्रोलर ने विमान की गति और ऊंचाई को लेकर पायलट को चेताया था, लेकिन पायलट को लगता था कि वह संतुष्ट है और स्थिति को संभाल लेगा। इसके साथ ही जांच टीम में एक भी कमर्शियल पायलट न शामिल करने भी सवाल उठने लगे हैं।
22 मई को पीआईए का प्लेन ए-320 कराची जा रहा था। यह प्लेन कराची में जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास ही जिन्ना गार्डन एरिया में क्रैश हो गया। इस हादसे में 97 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 2 लोग बचाए गए थे।
1. पहली चेतावनी
जियो न्यूज ने एटीसी के हवाले से बताया लाहौर से कराची आ रहा पीआईए का प्लेन ए-320 जब जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 15 नॉटिकल मील (27.78 किलोमीटर) दूर था, तब वह 10 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था। एटीसी ने पहली चेतावनी जारी करते हुए ऊंचाई को सात हजार फीट तक रखने को कहा था। पायलट ने ऊंचाई कम करने के बजाय जवाब दिया कि वह संतुष्ट है।
2. दूसरी चेतावनी
जब प्लेन केवल 10 नॉटिकल मील (18.52 किमी) दूर था तब प्लेन सात हजार फीट की ऊंचाई पर था, जबकि इसे तीन हजार फीट तक होना चाहिए था। एटीसी ने फिर से दूसरी चेतावनी दी। हालांकि, पायलट ने उसे भी नजरअंदाज कर दिया। उसने कहा कि वह संतुष्ट है और स्थिति संभाल लेगा।
3. तीसरी चेतावनी
प्लेन जब पहली कोशिश में लैंड नहीं हो पाया तो पायलट ने खुद ही गो-अराउंड (गोल चक्कर) करने का फैसला लिया। इस दौरान प्लेन 1800 फीट की ऊंचाई पर था। एटीसी से फिर से चेतावनी देकर कहा कि प्लेन को ती हजार फीट की ऊंचाई पर ले जाएं। इस पर फर्स्ट ऑफिसर (पायलट) ने कहा कि हम कोशिश कर रहे हैं। इसके तुरंत बाद ही हादसा हो गया।प्लेन में पर्याप्त ईंधन मौजूद था।
रिपोर्ट में कहा गया कि प्लेन में इतना ईंधन था कि वह 2.34 घंटे तक उड़ सकता था, जबकि लाहौर से कराची आने में सिर्फ 1.33 घंटे की उड़ान हुई थी। पाकिस्तानी जांचकर्ता यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या दुर्घटना पायलट की गलती से हुई या कोई तकनीकी खामी थी।
सीएए भी जारी कर चुका है रिपोर्ट
पाकिस्तान की सिविल एविएशन अथॉरिटी (सीएए) की रिपोर्ट के अनुसार फ्लाइट ने जिन्ना नेशनल एयरपोर्ट पर उतरने की पहली कोशिश में तीन बार रनवे को छुआ था। रनवे पर रगड़ के साथ चिंगारी भी भड़की थी। तीसरी बार रनवे छूने के बाद पायलट ने प्लेन को फिर से हवा में उठा लिया था। इस दौरान संभवना है कि इंजन का ऑयल और फ्यूल पंप खराब हो गए होंगे। इनमें लीकेज हुई होगी। इसके चलते प्लेन बहुत ऊंचा नहीं उठ पाया और हादसा हो गया। सबसे अजीब बात यह है कि इस दौरान कॉकपिट में मौजूद क्रू ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) को कोई जानकारी नहीं दी थी।
जांच टीम पर उठे सवाल
पाकिस्तान में पायलटों के संघ और विमानन क्षेत्र के विशेषज्ञों ने जांच टीम पर सवाल उठाए हैं। प्लेन क्रैश की जांच पाकिस्तानी एयर फोर्स कर रही है। पाकिस्तान एयरलाइंस पायलट एसोसिएशन (पाल्पा) के सेक्रेटरी कैप्टन इमरान नैरेजो ने द डॉन से बात करते हुए कहा, ‘‘जांच टीम संतुलित नहीं है, क्योंकि इसमें कॉमर्शियल पायलट को शामिल नहीं किया गया है। कॉमर्शियल प्लेन से जुड़े हादसे को एक कॉमर्शियल पायलट ही बेहतर तरीके से समझ सकता है।’’पाकिस्तान ने प्लेन क्रैश की जांच के लिए चार सदस्यीय एक जांच टीम बनाई है। इसमें तीन सदस्य ‘एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इंवेस्टिगेशन बोर्ड’ के हैं, जबकि एक एयरफोर्स के सेफ्टी बोर्ड से है। जांच टीम तीन महीने में अपनी रिपोर्ट सबमिट करेगी।


तस्वीर कराची की उस जिन्ना कॉलोनी की है, जहां शुक्रवार को पीआईए का प्लेन क्रैश हुआ था। हादसे में आसपास के रहने वाले 11 लोग घायल हो गए थे।


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