ट्रम्प ने गिन्सबर्ग की जगह एमी कोने बैरेट को सुप्रीम कोर्ट का जज चुना; विपक्ष का विरोध दरकिनार
डोनाल्ड ट्रम्प ने एमी कोने बैरेट को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त करने का फैसला कर लिया। इसकी औपचारिक घोषणा आज की जाएगी। एमी दिवंगत जज जस्टिस रूथ बादेर गिन्सबर्ग का स्थान लेंगी। एमी को जज बनाने के लिए ट्रम्प को अब सीनेट की मंजूरी देनी होगी। तकनीकि रूप से यह मुश्किल नहीं होगा क्योंकि वहां रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है।
विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी और उसके राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन नए जज की नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि चुनाव में कुछ ही हफ्ते बाकी हैं। ऐसे में नए जज की नियुक्ति नई सरकार को ही करनी चाहिए।
आज हो सकता है ऐलान
एमी के नाम का आज औपचारिक तौर पर ऐलान किया जा सकता है। सूत्रों ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि एमी का नाम छह लोगों ने मिलकर फाइनल किया है। एमी शुक्रवार रात अपने घर के बाहर नजर आईं। उन्होंने फोटोग्राफर्स को कुछ पोज भी दिए। अब तक ये साफ नहीं हो सका है कि एमी के अलावा क्या किसी और कैंडिडेट का इंटरव्यू हुआ था या नहीं। कहा जाता है कि ट्रम्प के कुछ सीनियर अफसर लगातार दो दिन से एमी के संपर्क में थे और इसी दौरान उनके नाम पर मुहर लगाई गई।
ट्रम्प ने खुलासा नहीं किया
शुक्रवार को जब मीडिया ने ट्रम्प से एमी के बारे में सवाल किया तो उन्होंने सीधा जवाब नहीं दिया। कहा- मैं साफ तौर पर ये नहीं कह सकता कि हम उनको ही जज बनाने जा रहे हैं। लेकिन, इसमें कोई दो राय नहीं कि एमी बेहतरीन काम करती हैं। एक्सपर्ट्स और पॉलिटिकल एनालिस्ट्स मानते हैं कि कुछ महीनों से चुनावी दौड़ में पिछड़ रहे ट्रम्प को एमी के नाम से फायदा मिल सकता है।
अमेरिका के इतिहास में यह पहली घटना
अमेरिका के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ, जब चुनाव के महज 39 दिन पहले सरकार ने किसी नए जज का नाम फाइनल किया हो। आमतौर पर चुनावी साल में जुलाई के बाद सुप्रीम कोर्ट के किसी जज की नियुक्ति नहीं की जाती। लेकिन, ट्रम्प ने तो इस परंपरा को ही खत्म कर दिया है। अब सीनेट में इस पर विचार किया जाएगा। चार साल पहले जब बराक ओबामा राष्ट्रपति थे तब उन्होंने एक जज की नियुक्ति का प्रस्ताव दिया था। लेकिन, तब रिपब्लिकन्स ने इसको संविधान के खिलाफ बताया था। अब वे यही कर रहे हैं।
गिन्सबर्ग का जगह भरना मुश्किल
एमी की नियुक्त गर्भपात संबंधी कानून में बदलाव की मांग वाले आंदोलन को प्रभावित कर सकती है। लेकिन, महिला अधिकारों की बुलंद आवाज रहीं दिवंगत जस्टिस गिन्सबर्ग की जगह भरना उनके लिए आसान नहीं होने वाला। एमी को अच्छा लेखक भी माना जाता है। मानवाधिकारों पर भी उन्होंने दलीलें दी हैं। लेकिन, रिपब्लिकन पार्टी का करीबी होना उनके लिए क्या लेकर आएगा, ये कहना फिलहाल मुश्किल है।
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में 9 जज होते हैं। किसी अहम फैसले के वक्त अगर इनकी राय 4-4 में बंट जाती है तो सरकार द्वारा नियुक्त जज का वोट निर्णायक हो जाता है। और चूंकि जज राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त होता है तो माना ये जाता है कि वो सरकार के पक्ष में ही फैसला देगा। लोग इसीलिए ट्रम्प द्वारा नए जज की नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं।
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