जंगलों की आग पर ट्रम्प ने विज्ञान को नकारा; जो बाइडेन बोले- ट्रम्प जलवायु में आग लगाने वाले
पश्चिमी अमेरिका के जंगलों में लगी आग ने काफी नुकसान पहुंचाया है। इसके लिए जलवायु परिवर्तन यानी क्लाइमेट चेंज भी एक कारण बताया जा रहा है। लेकिन, राष्ट्रपति पद को दो उम्मीदवार इस मसले पर बयानबाजी में उलझ गए हैं। डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडेन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को जलवायु में आग लगाने वाले शख्स करार दिया। वहीं, ट्रम्प ने कहा- जंगलों में आग क्यों लगी? मुझे नहीं लगता इसका जवाब साइंस भी दे पाएगा।
दोनों के बीच अहम मुद्दे पर मतभेद साफ नजर आते हैं। राष्ट्रपति क्लाइमेट चेंज को गंभीरता से ही नहीं लेते। इसके लिए बनाए गए नियमों को ही चुनौती देते हैं। दूसरी तरफ, बाइडेन हैं। वे ग्रीनहाउस गैसेज को मौसम में भारी बदलाव की वजह मानते हैं।
हफ्तों बाद जागे ट्रम्प
कैलिफोर्निया के जंगलों में लगी आग पर कई हफ्ते चुप रहने वाले ट्रम्प आखिरकार कैलिफोर्निया पहुंचे। आग से हजारों लोगों को पलायन करना पड़ा। धुएं से आसमान का रंग बदल गया। और 27 लोगों की मौत हुई। हैरानी की बात है कि यहां ट्रम्प ने कमजोर फॉरेस्ट मैनेजमेंट को दोषी ठहराया, क्लाइमेट चेंज को नहीं। बाइडेन ने इसका जवाब विलमिंगटन में दिया। कहा- मध्य और पश्चिमी अमेरिका में बाढ़, तूफान जैसी आपदाएं आईं। ट्रम्प अगर दूसरे टर्म यानी कार्यकाल के लिए चुने जाते हैं तो देश के उपनगरीय इलाकों को खतरा पैदा हो जाएगा।
बाइडेन के सवाल
बाइडेन ने कहा- अगर हम ट्रम्प को चार साल और देते हैं तो क्लाइमेट के मुद्दे को वे ऐसे ही नकारते रहेंगे। कितने जंगल और खाक होंगे? कितने शहर और बाढ़ में बहेंगे? तूफान में कितने शहर और उजड़ेंगे। अगर आप जलवायु को आग के हवाले करने वाले को चुनेंगे तो यह अमेरिका को आग में झोंकने जैसा होगा। सोमवार हवा की रफ्तार तेज थी। आग भड़की। दोपहर में अमेरिका के ज्यादातर हिस्से, यहां तक कि न्यूयॉर्क और वॉशिंगटन के आसमान में धूल और धुएं का गुबार देखा गया।
इसकी वजह से कुछ फायरफाइटिंग एयरक्राफ्ट उड़ान नहीं भर पाए। इदाहो, ओरेगन और कैलिफोर्निया के नए इलाकों तक आग फैली। ओरेगन में 10 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। 22 लापता हैं। राज्य के चीफ फॉरेस्ट ऑफिसर डद ग्रेफे ने कहा- हमें कुछ कामयाबी मिली है। बुधवार और गुरुवार को बारिश से कुछ मिलती, लेकिन बिजली गिरने से खतरा बढ़ भी सकता है।
ट्रम्प को भी नजर आया धुआं
सोमवार को ट्रम्प सेक्रामेंटो पहुंचे। इसके पहले उन्होंने वाइल्ड फायर का जिक्र तक नहीं किया था। यहां करीब 3 लाख 63 हजार एकड़ में जंगल खाक हो चुका है। यहां ज्यादातर हिस्से में आग पर काबू पाया जा चुका है। मैक्लान एयरपोर्ट पर उन्हें प्लेन से निकलते ही धुआं नजर आया। यहां वे इस आपदा पर बोले। राष्ट्रपति ने कहा- जब पेड़ गिरकर सूख जाते हैं तो वो माचिस की तीली की तरह हो जाते हैं। सूखी पत्तियां भी होती हैं। ये आग में घी का काम करती हैं। इसलिए मामला फॉरेस्ट मैनेजमेंट से जुड़ा है, क्लाइमेंट चेंज से नहीं।
कैलिफोर्निया के गवर्नर ने कहा- यहां के कुल जंगलों का महज 3 फीसदी राज्य के पास है। 57 फीसदी तो केंद्र सरकार के पास है। जाहिर है, ट्रम्प ने फॉरेस्ट मैनेजमेंट का मुद्दा तो उठाया, लेकिन गवर्नर ने उन्हें तथ्य बताकर लाजवाब कर दिया।
राष्ट्रपति से तल्ख सवाल
कैलिफोर्निया के नैचुरल रिर्सोसेज सेक्रेटरी ने ट्रम्प से कहा- अगर समस्या को साइंस के नजरिए से नहीं देखा जाएगा तो कैलिफोर्निया के लाखों लोगों को बचाना मुश्किल हो जाएगा। ट्रम्प ने इसे हल्के में लिया। कहा- मुझे लगता है कि साइंस के पास इन बातों का जवाब है। मेयर डेरेल स्टिनबर्ग ने कहा- क्लाइमेट इमरजेंसी के मुद्दे पर हमें नेशनल लीडरशिप चाहिए। पर्यावरण विशेषज्ञ मानते हैं कि ट्रम्प ने जो कहा है वो गलत नहीं है, लेकिन इसके वैज्ञानिक पक्ष को भी खारिज नहीं करना चाहिए। ट्रम्प के समर्थकों ने उनके तर्कों की सराहना की।
बाइडेन का क्लीन एनर्जी पर फोकस
बाइडेन क्लाइमेट चेंज को चुनौती मानते हैं। उन्होंने वादा किया कि अगर वे सत्ता में आते हैं तो चार साल में दो अरब डॉलर क्लीन एनर्जी पर खर्च किए जाएंगे। तेल, गैस और कोयले के इस्तेमाल को चरणबद्ध तरीके से खत्म किया जाएगा। पांच लाख इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन्स बनाए जाएंगे। 15 लाख एनर्जी एफिशिएंट घर बनाए जाएंगे। 2035 तक पावर सेक्टर से कार्बन उत्सर्जन बंद किया जाएगा।
ट्रम्प के रुख से रिपब्लिकन पार्टी के पॉलिटिकल कन्सल्टेंट विट आयरेश भी नाखुश हैं। उन्होंने कहा- क्लाइमेट चेंज और साइंस को नकारना राष्ट्रपति के लिए फायदेमंद साबित नहीं होगा।
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