अमेरिका-भारत के बीच अगले हफ्ते सैटेलाइट डेटा को लेकर मिलिट्री डील संभव, दोनों देश 2+2 मीटिंग में कर सकते हैं घोषणा
भारत और अमेरिका के बीच अगले हफ्ते सैटेलाइट डेटा को लेकर मिलिट्री डील हो सकती है। इस समझौते के बाद भारत सैटेलाइट डेटा से मिसाइलों और ड्रोनों का पता लगा सकता है। सरकार और इंडस्ट्री के अधिकारियों ने ये जानकारी दी है। कहा जा रहा है कि इससे चीनी सेना और उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी।
पोम्पियो और रक्षा सचिव मार्क ओशो की अगले हफ्ते की यात्रा के दौरान दोनों देशों में समझौते की घोषणा होने की उम्मीद है। इस दौरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी उनकी मुलाकात होगी। अमेरिका ने इस हफ्ते ताइवान को तीन वेपंस सिस्टम की बिक्री को मंजूरी देकर चीन से दुश्मनी मोल ली है।
चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने की कोशिश
अमेरिका चीन के बढ़ते क्षेत्रीय प्रभाव को रोकने के लिए भारत के साथ मजबूत सुरक्षा संबंधों पर जोर दे रहा है। अमेरिकी कंपनियों ने 2007 के बाद से भारत को 21 बिलियन डॉलर से ज्यादा के हथियार बेचे हैं। साथ ही अमेरिका भारत सरकार के साथ बेसिक्स एक्सचेंज एंड को-ऑपरेशन एग्रीमेंट (BECA) डील पर साइन करने का विचार कर रहा है। इस डील के बाद दोनों देश खुफिया जानकारियां और सूचनाएं साझा कर सकेंगे।
इससे जुड़े एक सूत्र के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने बुधवार को भू-स्थानिक (Geospatial) सहयोग के लिए BECA के अंतिम मसौदे पर चर्चा की। एक डिफेंस इंडस्ट्री के सूत्र ने कहा कि समझौते से भारत को स्थला-कृतिक (Topographical), समुद्री (Nautical) और एयरोनॉटिकल डेटा की एक सीमा तक पहुंच मिलेगी।
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद जारी
सूत्र ने कहा कि अमेरिका द्वारा भारत को सप्लाई किए जाने वाले एयरक्राफ्ट पर एडवांस्ड नेविगेशन सिस्टम लगा होगा। अमेरिका ने अपने कई सहयोगियों के साथ यह डील साइन की है। भारत अमेरिका के नेतृत्व वाले सिक्योरिटी अलायंस में शामिल होने से हिचकिचा रहा है। इस साल मई के बाद से ही पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर तनाव जारी है।
इस साल भारत ने मालाबार नॉवेल ड्रिल में ऑस्ट्रेलिया को भी शामिल करने की घोषणा की थी। इसमें जापान और अमेरिका भी शामिल है। यह ड्रिल अगले महीने वाली है। चीन ने इसे लेकर संज्ञान लिया था।
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