ऑस्ट्रेलिया को मालाबार ड्रिल में शामिल किए जाने का चीन ने संज्ञान लिया

ऑस्ट्रेलिया के मालाबार ड्रिल में शामिल होने पर चीन ने मंगलवार को कहा कि उसने भारत के इस फैसले का संज्ञान लिया है। उनका कहना है कि सैन्य सहयोग, क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए अनुकूल होना चाहिए। भारत ने सोमवार को घोषणा की थी कि अमेरिका और जापान के साथ मालाबार ड्रिल में ऑस्ट्रेलिया भी शामिल होगा। इसका अर्थ यह है कि क्वाड के सभी देश इस मेगा ड्रिल में शामिल होंगे।

अमेरिका और जापान इस सालाना नौसैनिक अभ्यास में भाग लेने वाले दो अन्य देश हैं। अगले महीने बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में मालाबार ड्रिल के होने की संभावना है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि हमेशा से हमारा मानना है के देशों के बीच सैन्य सहयोग क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए अनुकूल होना चाहिए।

ड्रिल में ऑस्ट्रेलिया को शामिल किए जाने का भारत का फैसला ऐसे समय आया है, जब पूर्वी लद्दाख में चीन और भारत के बीच सीमा विवाद जोरों पर है। चीन को मलाबार ड्रिल को लेकर संदेह होने लगा था। उसे लग रहा था कि सालाना नॉवेल ड्रिल इंडो-पेसिफिक रीजन में उसके दबदबे को कम करने की कोशिश है।

मालाबार ड्रिल 1992 से शुरू

मालाबार ड्रिल 1992 में हिंद महासागर में भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना के बीच एक द्विपक्षीय ड्रिल के रूप में शुरू हुआ था। 2015 में जापान भी इसमें शामिल हो गया। यह ड्रिल 2018 में फिलीपीन सागर में गुआम के तट पर और 2019 में जापान के तट पर हुआ था। कुल सालों से ऑस्ट्रेलिया भी इसमें शामिल होने को लेकर दिलचस्पी दिखा रहा है।



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अगले महीने बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में मालाबार ड्रिल के होने की संभावना है। -फाइल फोटो



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