ब्रिटिश जनरल हैवलॉक के नाम पर रखी गई लंदन की सड़क का नाम बदलेगा, अब इसे गुरु नानक देव मार्ग के नाम से जाना जाएगा

अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत को लेकर ब्रिटेन में भी प्रदर्शन जारी है। लोग ऐसी धरोहरों का नाम बदलने की मांग कर रहे हैं, जो ब्रिटिश हुकूमत के दौरान भेदभाव और जुल्म करने में शामिल रहे हों। सरकार ने इसे देखते हुए लंदन के साउथहॉल स्थित सर हेनरी हैवलॉक सड़क का नाम बदलने का फैसला किया है। इसका नया नाम गुरु नानक मार्ग रखा जाएगा।

अश्वेत प्रदर्शनकारियों ने 16 वीं शताब्दी में गुलामों को खरीदने बेचने में शामिल रहे लोगों की मूर्तियां लंदन से हटाने की मुहिम छेड़ी है।हैवलॉक रोड का नाम सर हेनरी हैवलॉक केनाम पर था। उसे ब्रिटिश हुकूमत में एक दूरदर्शी सैन्य अफसर माना जाता था।

हालांकि, भारत में वह एक क्रूर सैन्य अफसर के तौर पर पहचाना गया। भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के दौरान 1857 के सैनिक विद्रोह को दबाने में उसकी अहम भूमिका थी।

सड़कका नाम गुरु नानक देव मार्ग ही क्यों रखा जाएगा?

साउथहॉल में सिख समुदाय के लोगों की संख्या ज्यादा है। हैवलॉक रोड पर ही श्री गुरु सिंह सभा है, जोकि भारत के बाहर दुनिया का सबसे बड़ा गुरुद्वारा है। यही वजह है कि गुरु नानक देव के नाम इस पर सड़क का नाम रखा जाएगा। साउथहॉल के काउंसलर जूलियन बेल ने कहा कि इस सड़क काबदला हुआ नाम सिख समुदाय की ओर से देश में दिए योगदान का सिंबल होगा। यह हमारी एकता को भी बताएगा। यहां के सांसद विरेंद्र शर्मा ने भी लंदन के मेयर सादिक खान के फैसले पर खुशी जाहिर की।

गुलामों कीसौदेबाजी में शामिल रहे लोगों की मूर्तियां हटाई जाएंगी

अश्वेत प्रदर्शन को देखते हुए लंदन के मेयर ने यहां से ब्रिटिश हुकूमत के समय की मूर्तियों को हटाने का ऐलान किया है। इसके लिए एक आयोग कोगठित किया जाएगा। आयोग लंदन में लगी मूर्तियों, सड़कों के नाम और अन्य स्मारकों की समीक्षा करेगा और उन्हें बदलने परविचार करेगा। इसके बाद फैसला लिया जाएगा कि कौन सी विरासत को सहेज के रखने की जरूरत है।



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ब्रिटेन के ब्रिस्टल में एडवर्ड कोल्सटन के स्टैच्यू को प्रदर्शनकारियों ने गिरा दिया। एडवर्ड कोल्सटन अफ्रीकी लोगों की खरीद-फरोख्त कर गुलामी के काम से जुड़ा एक व्यापारी था।



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