जो नेता सोशल मीडिया पर डबल मीनिंग और मजाकिया पोस्ट करते हैं, वह अपने फॉलोअर्स का भरोसा खो देते हैं

ट्विटर और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर डबल मीनिंग और मजाकिया पोस्ट करने वाले नेताओं को पब्लिक पसंद नहीं करती है। इस तरह की पोस्ट और गलत जानकारियां सोशल मीडिया पर देने वाले नेता अपने फॉलोअर्स को खो देते हैं। अमेरिका की ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी की स्टडी में यह बातें सामने आई हैं।

नेताओं की पोस्ट पर स्टडी की 5 अहम बातें
1.स्टडी के मुताबिक, दुनिया के उन मशहूर नेताओं और चुनाव लड़ने वाले कैंडिडेट्स को पब्लिक पसंद नहीं करती है, जो सोशल मीडिया के जरिए भ्रामक तथ्य और अफवाहें फैलाने का काम करते हैं।
2.सोशल मीडिया पर मजाक करने वाले नेताओं पर भी पब्लिक विश्वास नहीं करती है। ऐसे नेता पब्लिक के साथ-साथ कई बार अपने समर्थकों का भी भरोसा खो देते हैं। इसका असर वोटिंग पर भी पड़ता है।
3.स्टडी में शामिल ओलिविया बल्क ने कहा- पब्लिक हमेशा अपने नेता से सच और गंभीरता वाले पोस्ट या कमेंट चाहती है।
4.ज्यादातर लोगों का मानना है कि नेता वह होता है, जो अपनी पब्लिक के लिए अच्छा सोचे। अगर कोई झूठ बोलता है और लोगों को गुमराह करता है तो उसे पसंद करने की कोई वजह नहीं बचती है।
5.स्टडी के मुताबिक, गुमराह करने वालों और झूठ बोलने वाले नेताओं को केवल सोशल मीडिया पर अनफॉलो नहीं किया जाता, बल्कि उन्हें दिल से भी निकाल दिया जाता है।

स्टडी में 476 कॉलेजों के छात्र शामिल थे
इस स्टडी में 476 कॉलेजों के छात्रों ने शिरकत की। छात्रों ने न केवल अपनी बात रखी, बल्कि अमेरिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, एलिजाबेथ वॉरेन जैसे नेताओं का उदाहरण भी दिया।



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Political candidates'' use of humour on social media like Twitter could sometimes backfire on them with potential supporters, said researchers from Ohio State University.



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