चुनाव में धांधली और प्रदर्शनों के बीच लुकाशेंको ने अचानक राष्ट्रपति पद की शपथ ली, इसके बारे में पहले से कोई सूचना नहीं दी गई थी
बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको ने बुधवार को अचानक एक समारोह में छठी बार राष्ट्रपति पद की शपथ ली। इसके बारे में पहले से कोई सूचना नहीं दी गई थी। उधर, विपक्ष ने 26 साल के लुकाशेंको के शासन के खिलाफ प्रदर्शन और तेज करने की चेतावनी दी है। लोगों से लुकाशेंको के खिलाफ आगे आने की अपील की है।
न्यूज एजेंसी बेल्टा के मुताबिक, लुकाशेंको का शपथ ग्रहण समारोह राजधानी मिंस्क में हुआ। बुधवार को हुए समारोह में सौ से ज्यादा लोगों ने भाग लिया। इसमें बड़े अधिकारी भी शामिल थे। उन्होंने देश के संविधान पर हाथ रखकर शपथ ली। इसके बाद चुनाव आयोग ने उन्हें राष्ट्रपति पद का ऑफिशियल आईडी सौंप दिया।
देश में सुरक्षा और एकजुटता होना जरूरी: लुकाशेंको
लुकाशेंको ने शपथ लेने के बाद कहा- कोरोना महामारी को लेकर दुनिया संकट से जूझ रही है। ऐसे हालात में देश में सुरक्षा और लोगों के बीच एकजुटता होना जरूरी है। मैं ऐसा नहीं कर सकता। मुझे बेलारूस के लोगों को उनके हाल पर छोड़ देने का कोई हक नहीं है।
चुनाव में धांधली के आरोप
रूस की पश्चिमी सीमा से सटे बेलारूस में अगस्त में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव हुए थे। चुनाव परिणामों में 26 साल से लगातार राष्ट्रपति रहे लुकाशेंको की एक बार फिर भारी जीत हुई थी। उम्मीद थी कि विपक्षी नेता स्वेतलाना तिखानोव्सना उनको कड़ी टक्कर देंगी। हालांकि, उनकी करारी हार हुई।
इसके बाद से ही लोगों ने लुकाशेंको पर चुनाव में धांधली करने के आरोप लगाते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। यह प्रदर्शन अभी तक जारी है। लुकाशेंको पर ये आरोप पहले भी लगे हैं। उन्हें डिक्टेटर माना जाता है।
जर्मनी ने मान्यता नहीं दी
जर्मन सरकार के प्रवक्ता स्टीफन सीबेरट ने कहा कि जर्मनी एलेक्जेंडर लुकाशेंको को बेलारूस के राष्ट्रपति के रूप में मान्यता नहीं देता है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि जर्मनी चाहता है कि यूरोपिय यूनियन जल्द से जल्द बेलारूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाए।
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