एमेनेस्टी ने केंद्र सरकार पर दो साल से परेशान करने का आरोप लगाया; गृह मंत्रालय ने कहा- उसे काम करने की पूरी आजादी

ह्यूमन राइट्स के लिए काम करने वाले संगठन एमेनेस्टी इंटरनेशनल ने मंगलवार को देश में अपना काम बंद कर दिया। संगठन ने कहा कि गृह मंत्रालय हमें पिछले दो साल से परेशान कर रहा था। इस पर गृह मंत्रालय ने कहा- एमेनेस्टी को भारत में काम करने करने की पूरी आजादी है।

हालांकि, भारतीय कानून के मुताबिक विदेशी फंड पाने वाली संस्था यहां की राजनीतिक चर्चाओं में दखल नहीं दे सकतीं। यह एमेनेस्टी समेत सभी संगठनों पर लागू होता है। एमेनेस्टी इंटरनेशनल ने फॉरेन कंट्रीब्यूशन ( रेगुलेशन) एक्ट, 2010 (एफसीआरए) कानून तोड़ा है।

सरकार ने कहा- कानून तोड़ने के लिए मानवाधिकार की आड़ नहीं ली जा सकती है। उन्होंने भारतीय कानून तोड़ा है। अब इसे छिपाने के लिए बयान दे रहे हैं। वे अपनी गड़बडिय़ों की जांच कर रही एजेंसियों की जांच प्रभावित करने के लिए ऐसा कर रहे हैं।

एमेनेस्टी ने भारत की चार संस्थाओं को गैर कानूनी ढंग से पैसे भेजे

गृह मंत्रालय ने कहा- एमेनेस्टी ने 20 साल पहले सिर्फ एक बार 20 दिसंबर 2000 को एफसीआरए के तहत मंजूरी ली थी। इसके बाद लगातार आवेदन दिए जाने के बाद इसे विदेशी फंड पाने की इजाजत नहीं दी गई, क्योंकि भारतीय कानून के मुताबिक यह मंजूरी पाने के मापदंडों को पूरा नहीं करता।

एमेनेस्टी यूके ने भारत में रजिस्टर्ड 4 संस्थाओं को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के तौर पर बड़ी रकम भेजी। एमेनेस्टी इंडिया को भी एक मोटी रकम भेजी गई। इसके लिए भी एफसीआरए के तहत भारत सरकार से मंजूरी नहीं ली गई। इसके बाद से इसके सभी खाते फ्रीज किए गए।

पिछली सरकार में भी रुका था एमेनेस्टी का कामकाज

गैर कानूनी काम करने की वजह से पिछली सरकार ने भी एमेनेस्टी को विदेशों से फंड पाने के लिए दिए गए आवेदन को कई बार मंजूरी नहीं दी थी। उस समय भी इसे भारत में अपना काम बंद करना पड़ा था। सरकार की ओर से की गई जांच में पाया गया है कि एमेनेस्टी ने फंड पाने के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल किया।

एमेनेस्टी ने दो रिपोर्ट्स में की थी सरकार की आलोचना

एमेनेस्टी इंटरनेशनल ने बीते कुछ समय में दो ऐसी रिपोर्ट पब्लिश की है, जिनमें सरकार की आलोचना की गई है। इनमें से इस साल फरवरी में दिल्ली में हुई हिंसा से जुड़ी है। वहीं, दूसरी रिपोर्ट जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने से जुड़ा था। संगठन ने दोनों ही रिपोर्ट में भारत सरकार की ओर से मानवाधिकार का उल्लंघन होने का दावा किया था। संगठन का दावा है कि इन्हीं दो रिपोर्ट की वजह से भारत सरकार उसे परेशान कर रही है।



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यह एमेनेस्टी इंडिया के बेंगलुरु ऑफिस का फोटो है। सितंबर 2018 में ईडी ने इस दफ्तर पर गैर कानूनी ढंग से रुपए के लेन देने के मामले में छापेमारी की थी।- फाइल फोटो



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