डेमोक्रेटिक उपराष्ट्रपति कैंडिडेट बोलीं- जब बाइडेन ने चुनाव लड़ने को कहा तो सबसे पहले मां का खयाल आया, लगा वो ऊपर से देख रही हैं
डेमोक्रेट्स की उपराष्ट्रपति उम्मीदवार कमल हैरिस भारतवंशियों को लुभाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहीं। उन्होंने सोमवार को एक फंड रेजर प्रोग्राम में एक बार फिर से अपनी भारतीय मां का जिक्र किया। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा- जब जो बाइडेन ने मुझे साथ में चुनाव लड़ने और उपराष्ट्रपति कैंडिडेट बनाने की पेशकश की तो सबसे पहले मां का ख्याल आया। मुझे लगा वो मुझे ऊपर से देख रही होंगी और मेरे बारे में ही सोच रही होंगी।
कमला हैरिस की मां श्यामला गोपालन 1957 में ग्रेजुएशन करने के बाद उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका पहुंची थीं। उन्होंने बाद में अमेरिका के नामी कैंसर विशेषज्ञ के तौर पर पर पहचान बनाई। हैरिस पहले भी कई बार अपने भाषणों में अपनी मां के बारे में कह चुकी हैं। उपराष्ट्रपति कैंडिडेट बनने के बाद वे कई बार अपने नाना-नानी की यादों को भी शेयर कर चुकी हैं।
‘पति सुन रहे थे चुनाव में टिकट मिलने से जुड़ी बातचीत’
हैरिस ने बताया- मुझे और मेरी टीम को फोन कर बताया गया कि बाइडेन बात करना चाहते हैं। कुछ देर बाद ही यह फोन आया कि वे जूम कॉल करना चाहते हैं। इसके बाद मैं अपने छोटे से ऑफिस में जाकर उनसे कनेक्ट हुई। बातचीत शुरू करते ही उन्होंने मुझे टिकट देने की पेशकश कर दी। जब हमारी कॉल शुरू हुई तो मेरे पति डग एमहॉफ दरवाजे पर कान लगाकर सुनने की कोशिश कर रहे थे। बाद में बाइडेन की पत्नी जिल बाइडेन और मेरे पति एमहॉफ भी इस कॉल से जुड़े।
सत्ता में आई तो महामारी बोर्ड का गठन करेंगे: हैरिस
हैरिस ने सत्ता में आने के बाद अगले सौ दिन में किए जाने वाले कामों पर पूछे जाने पर कहा- सबसे पहले हम एक महामारी बोर्ड का गठन करेंगे। इसका काम देश में कोरोना टेस्टिंग से जुड़े कामों को देखना होगा। यह तय किया जाएगा कि टेस्ट सही ढंग से और ज्यादा हो। इसके साथ ही एक्जीक्यूटिव ऑर्डर के जरिए आर्थिक सुधार किए जाएंगे। टैक्स पेयर्स के पैसे से अमेरिकी सप्लाई चेन और उत्पादों को मदद करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। हम नाटो के साथ अपने संबंध सुधारने की कोशिश करेंगे।
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