इलेक्शन के बाद शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता सौंपने पर ट्रम्प बोले- मैं इसका वादा नहीं करता, हो सकता है पॉवर ट्रांसफर की जरूरत ही न पड़े
नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर चिंता जाहिर की है। ट्रम्प के मुताबिक, परिणाम आने के बाद शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता हस्तांतरण (पॉवर ट्रांसफर) होने का वे वादा नहीं कर सकते। राष्ट्रपति ने कहा- मैं वोटिंग को लेकर पहले ही अपनी शिकायतें बता चुका हूं। इसलिए ये देखना होगा कि आखिर में क्या होता है। ट्रम्प ने कहा- हो सकता है कुछ चीजों को फैसला सुप्रीम कोर्ट में हो। इसलिए, वहां जजों की पूरी बेंच होनी चाहिए।
कोई भरोसा नहीं दिला सकता
बुधवार रात व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रम्प से इलेक्शन के बाद पॉवर ट्रांसफर पर कुछ सवाल किए गए। एक रिपोर्टर ने पूछा- क्या आप भरोसा दिला सकते हैं कि चुनाव के बाद शांतिपूर्ण तरीके से पॉवर ट्रांसफर होगा? इस पर राष्ट्रपति ने कहा- देखते हैं क्या होता है। मैं वोटिंग को लेकर कुछ मुद्दों पर अपनी चिंता पहले ही बता चुका हूं। कुछ जगह दंगे हो रहे हैं। वैसे मुझे नहीं लगता कि पॉवर ट्रांसफर की जरूरत पड़ेगी। जो अभी है, वही जारी रहेगा।
ट्रम्प के बयान का मतलब साफ तौर पर ये है कि चुनाव में जीत उन्हीं की होगी। राष्ट्रपति पहले मेल इन बैलट से वोटिंग का विरोध करते रहे हैं, बीच में कुछ शर्तों के साथ इसका समर्थन करने लगे।
डेमोक्रेट्स को यही फिक्र
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ऐसा कभी नहीं हुआ कि किसी कैंडिडेट ने चुनाव परिणाम और सत्ता हस्तांतरण के बारे में खुले तौर पर इस तरह की बातें की हों। डेमोक्रेट पार्टी के लिए भी यह फिक्र की बात है क्योंकि ट्रम्प चुनाव से पहले ही पॉवर ट्रांसफर और वोटिंग पैटर्न को लेकर इतनी सख्त बयानबाजी कर रहे हैं। डेमोक्रेट्स को लगता है कि अगर ट्रम्प हार गए तो वे नतीजों को नहीं मानेंगे और इससे संवैधानिक संकट खड़ा हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट का पेंच
कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस गिन्सबर्ग का निधन हो गया था। अब वहां 8 जज हैं। डेमोक्रेट्स चाहते हैं कि नए जज की नियुक्ति चुनाव के बाद हो। ट्रम्प ये अभी करना चाहते हैं। इसकी वजह ये है कि अगर चुनाव के बाद कोई मामला फंसा तो नए जज उनके पक्ष में खड़े हो सकते हैं। उनका वोट निर्णायक होगा। प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जूलियन कहते हैं- ट्रम्प खुलेआम धमकी दे रहे हैं। लोग उनकी बात का मतलब समझने लगे हैं। इसके मायने ये हुए कि अगर नतीजा उनके पक्ष में नहीं हुआ तो वे इसे स्वीकार नहीं करेंगे।
अपने ही साथ नहीं देते
ट्रम्प के बयान पर उनके साथ साथी सीनेटर मिट रोमनी ही साथ नहीं हैं। रोमनी ने कहा- आखिर लोकतंत्र की यही तो खूबी है कि चुनाव के बाद शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता का हस्तांतरण हो। यह अमेरिका है, बेलारूस तो नहीं। राष्ट्रपति के तौर पर ट्रम्प को अपनी जिम्मेदारियों और गरिमा का ध्यान रहना चाहिए।
ये बयान पहली बार नहीं
सत्ता हस्तांतरण पर ट्रम्प का बयान पहली बार नहीं आया है। जुलाई में फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में भी उन्होंने यही कहा था। इसके पहले यूएसए टुडे से भी उन्होंने कहा था- चुनाव के बाद के हालात पर मैं कोई भरोसा नहीं दिला सकता। यह निर्भर करता है कि चुनाव और वोटिंग कैसे होती है। क्या सब कुछ पारदर्शी तरीके से होगा। 2016 में ट्रम्प को पॉपुलर वोट कम मिले थे। तब भी उन्होंने कहा था- चुनाव में धांधली हुई है। अमेरिका में दो बार से ज्यादा राष्ट्रपति नहीं रह सकता लेकिन ट्रम्प कहते हैं कि वे 2025 के बाद भी प्रेसिडेंट रहेंगे।
2018 में चीन में राष्ट्रपति पद पर रहने की दो बार की समय सीमा हटा दी गई थी। तब ट्रम्प ने इसका समर्थन किया था। कहा था- ये बिल्कुल सही कदम है। जुलाई में तो उन्होंने चुनाव टालने तक का सुझाव दिया था। जबकि, अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव टाले नहीं जा सकते।
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Dainik
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